मुद्रास्फीति या महंगाई (Inflation) आशा करते हैं कि आप सभी इस शब्द से परिचित होंगे मुद्रास्फीति या महंगाई एक ऐसी प्रक्रिया हैं इसके परिणाम से आपके बचत के पैसे किस प्रकार से कम होने लगता है या फिर चोरी होने लगता है जिसका आपको पता भी नहीं चलता है|
तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से मुद्रास्फीति या महंगाई (Inflation) से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त करेंगे इसके होने के कारण, (What is the Reason Behind Inflation), इसके क्या-क्या प्रभाव है (What are the Causes of Inflation), इससे बचने के कौन-कौन से रास्ते हैं (How to Escape from Inflation) जिनसे हम अपने आप को मुद्रास्फीति या महंगाई से होने वाले प्रभाव को रोक सकते हैं तथा महंगाई की प्रभाव को दूर सकते हैं।
Inflation क्या होता है || What is Inflation
Inflation किसी अर्थव्यवस्था में समय के साथ विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में होने वाली वृद्धि को मुद्रास्फीति या मंगाई कहा जाता है। जब किसी वस्तु की कीमत बढ़ती है तो उस वस्तु की कीमत में कमी देखी जाती है। क्योंकि इस मुद्रा के अनुसार वस्तुओं की कीमत बढ़ती है।
महँगाई की ऊँची कीमतें आम लोगों के लिए बहुत हानिकारक होती हैं क्योंकि महँगाई के अनुसार आम लोगों की आय नहीं बढ़ती है। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मुद्रा की स्थिति का एक सबसे बड़ा कारण अर्थव्यवस्था की तुलना में अतिरिक्त मुद्रा की छपाई है।
मुद्रास्फीति या महंगाई (Inflation) के क्या-क्या कारण है
इसके कई कारण है जिसकी वजह से मुद्रास्फीति या महंगाई (Inflation) हमारे सामने या हमारे आसपास घूमती रहती है।
- आमतौर पर मुद्रास्फीति या महंगाई उत्पादन लागत में वृद्धि या उत्पादों और सेवाओं की मांग में वृद्धि के कारण होती है।
- मुद्रास्फीति वस्तुओं की मांग और वेतन में वृद्धि के कारण होती है।
- जब उत्पादक और सेवाओं की मांग में वृद्धि होती है तो मुद्रास्फीति का कारण बन जाती है|
क्योंकि उपभोक्ता ऊंची कीमतों पर सामान खरीदते हैं। कुछ कंपनियाँ अपने सामान की कीमतें बढ़ाकर इसका पूरा फायदा उठाती हैं। उपभोक्ता इसके लिए अधिक कीमत चुकाते हैं |
मुद्रास्फीति या महंगाई (Inflation) कितने प्रकार की होती है
मुद्रास्फीति या महंगाई तीन प्रकार की होती है :-
- लागत प्रेरित मुद्रास्फीति (Cost-Push Inflation)
- मांग-पुल मुद्रास्फीति (Demand-Pull Inflation)
- अतिस्फीति (Hyperinflation)
लागत प्रेरित मुद्रास्फीति || Cost-Push Inflation
लागत प्रेरित मुद्रास्फीति एक अनुमानित प्रकार की अनुप्रस्थिति है जो महत्वपूर्ण सेवाओं या वस्तुओं की लागत में बढ़ोतरी के कारण देखी जाती है जहां कोई अलग से विकल्प नहीं होते चुकी व्यवसाय को अंतर निहित इनपुट (Differential Implicit Input) के लिए ऊंची कीमतों का सामना करना पड़ता है फलस्वरुप उन्हे अपने आउटपुट (OutPut) की कीमत को बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ता है |
ALSO READ:- अमेरिकी डॉलर दुनिया पर कैसे हावी है? 2024
मांग-पुल मुद्रास्फीति || Demand-Pull Inflation
मांग-पुल मुद्रास्फीति तब होती है जब अर्थव्यवस्था में वस्तु और सेवाओं की मांग आपूर्ति से ज्यादा होने लगती है आपूर्ति सामान रह सकती है या फिर गिर सकती है मांग प्रेरित मुद्रास्फीति आपूर्ति में कमी के कारण होती है किंतु कीमतों पर दबाव बढ़ाती है एवं ऐसी स्थिति जिसे अर्थशास्त्री (Economist) बहुत कम वस्तुओं के पीछे बहुत अधिक डॉलर के रूप में वर्णित करती है कूल मांग से वृद्धि भी इस प्रकार की मुद्रास्फीति को जन्म दे सकती है मांग प्रेरित मुद्रास्फीति की तुलना लागत प्रतीत मुद्रास्फीति (Demand-Pull Inflation) से की जा सकती है|
अतिस्फीति || Hyperinflation
यह एक बहुत ऊंची एवं आमतौर पर तेजी लाने वाली मुद्रास्फीति है यह स्थानीय मुद्रा के वास्तविक मूल्य को तेजी से नष्ट कर देता है क्योंकि सभी वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी होती है इसके कारण लोग इस मुद्रा में अपनी हिस्सेदारी कम कर देते हैं क्योंकि वह आमतौर पर अधिक स्थिर विदेशी मुद्राओं (Foreign Currency) में बदल जाते हैं |
मुद्रास्फीति या महंगाई (Inflation) के प्रभाव क्या-क्या है
मुद्रास्फीति (Inflation) या जिसे सरल भाषा में महंगाई भी कहा जाता है मुद्रास्फीति को आप दोधारी तलवार भी मान सकते हैं जैसे दोधारी तलवार दोनों तरफ से आहत करती है उसी प्रकार मुद्रास्फीति या महंगाई भी कम होना या ज्यादा होना किसी देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को हानि पहुंचा सकती है इसीलिए अर्थशास्त्रों (Economist) का मानना है की मुद्रा स्थिति को संतुलित बनाए रखना बहुत जरूरी है वरना इसके अनेक प्रकार के प्रभाव पड़ सकते हैं जिसे हम निम्नलिखित पंक्तियों में देख सकते हैं!
- साधारण लोगों पर मुद्रास्फीति का प्रभाव (Impact of Inflation on Common Peoples)
- मुद्रास्फीति या महंगाई का कंपनियों पर प्रभाव (Impact of Inflation on Companies)
साधारण लोगों पर मुद्रास्फीति का प्रभाव
किसी भी देश में महंगाई का सबसे ज्यादा असर वहां की आम जनता पर देखने को मिलता है. जब भी किसी वस्तु या सेवा की कीमत बढ़ती है तो वह आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाती है क्योंकि मुद्रास्फीति या महंगाई (Inflation) से आम लोगों की आय प्रभावित होती है। महंगाई के हिसाब से उनकी कमाई नहीं बढ़ती।
मुद्रास्फीति या महंगाई का कंपनियों पर प्रभाव
मुद्रास्फीति (Inflation) का असर साधारण लोगों के साथ-साथ बड़ी-बड़ी कंपनियों एवं छोटी कंपनियों पर भी देखी जाती है कंपनियों को सामानों का उत्पादन करने में बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है एवं उत्पादित वस्तुएं भी महंगी हो जाती है मुद्रास्फीति के कारण कर्मचारियों की वेतन मे भी बढ़ोत्तरि की भी दिक्कतें आती है कभी-कभी ऐसा देखा जाता है कि कंपनियां मुद्रास्फीति से खुद को बचाने के लिए अपनी कर्मचारियों की छटाई (Fired) भी किया करते हैं।
मुद्रास्फीति या महंगाई (Inflation) को कैसे संतुलित बनाए रखा जाता हैं
किसी देश की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित रखने के लिए मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है मुद्रास्फीति से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना शुरू कर देता है मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर का इस्तेमाल किया जाता है. जब मुद्रास्फीति एक निश्चित सीमा से पार जाने लगती है जैसे कि साल 2022 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ाकर 6.5% कर दिया था |
FAQ SECTION
Q. मुद्रास्फीति का मतलब क्या होता है?
Ans:- Inflation किसी अर्थव्यवस्था में समय के साथ विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में होने वाली वृद्धि को मुद्रास्फीति या मंगाई कहा जाता है।
Q. मुद्रास्फीति या महंगाई के क्या कारण है?
Ans:- आमतौर पर मुद्रास्फीति या महंगाई उत्पादन लागत में वृद्धि या उत्पादों और सेवाओं की मांग में वृद्धि के कारण होती है।
Q. मुद्रास्फीति या महंगाई कितने प्रकार की होती है?
Ans:- मुद्रास्फीति या महंगाई तीन प्रकार की होती है :-
1. लागत प्रेरित मुद्रास्फीति
2. मांग-पुल मुद्रास्फीति
3. अतिस्फीति
1 thought on “Inflation क्या होता है? कारण, प्रकार और प्रभाव 2024|| The Galaxy Blogs”